Buxwah

बुंदेलखंड की ढीमर जनजाति का नृत्य

 ढिमरया नृत्य 

बुंदेलखंड में ढीमरों के नृत्य अपना विशेष स्थान रखते हैं। ढिमरया नृत्य शादियों में नाचा जाता है। ढिमरया नृत्य बड़ा आकर्षक और मनमोहक होता है। इस नृत्य के साथ  मुख्य रूप से सजनई, बिरहा और कहरवा जातीय गीत गाये जाते हैं और गीत के साथ खंजरी, लोटा, सारंगी या रमतूला आदि वाद्यों का मुख्य रूप से प्रयोग किया जाता है। इन नृत्य गीतों को सुनने, देखने के लिए तुरन्त बहुत संख्या में जनसमुदाय एकत्रित हो जाता है। इसमें औरतें और पुरुष दोनों भावविभोर होकर नाचते हैं। ढिमरया नृत्य के साथ गाया जाने वाला एक सजनई गीत प्रस्तुत है-

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’लठियाँ लै लै रे-सैयाँ, 

लठियाँ लै लै रे सैयाँ,

भूसा चर गई रे गैया।

बारे बलम को बेर-बेर हटकी, 

बारे बलम खों बेर-बेर हटकी

घोसीपुरा जिन जाव।

घोसीपुरा की चंचल छुकरियाँ,

घोसीपुरा की चंचल छुकरियाँ,

छैला लये बिलनाय।

लठियाँ लै लैं रे सैयाँ ................. ।’

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