Buxwah

बुन्देलखंड में अनेक अवसरों पर लोकनृत्य प्रचलित हैं -सार्वजनिक लोकनृत्य

 बुन्देलखंड में अनेक अवसरों पर लोकनृत्य प्रचलित हैं -सार्वजनिक लोकनृत्य


लाकोर नृत्य

बरात के डेरों पर जब औरतें लाकोर लेकर जाती हैं, तब मृदंग पर नाचती है और पुरुषों पर गुलाल डालती हैं।

चीकट एवं बहू उतारने का नृत्य       

विवाह के अवसर पर जब भात लाया जाता है, तब चीकट नृत्य होता है। इसी प्रकार नई बहू के आगमन पर सास-बहू को लेकर नाचती है। इसे बहू उतारने का नृत्य कहते हैं।

मेला नृत्य

इसमें औरतें झुंड बनाकर पैजनों में कंकण डालकर हाथ मटकाती, चुटकी बनाती मृदंग की लय पर नृत्य करती हैं।

देवी नृत्य       

यहाँ एक लोकविश्वास प्रचलित है कि देवी की शक्ति स्त्री या पुरुष में भाव भरने के रूप में आती हैं। जब ऐसे भाव के वशीभूत होकर औरतें नृत्य करती हैं तो इसे देवी नृत्य कहते हैं।

हिजड़ों का नृत्य        

पुत्रजन्म उत्सव एवं विवाहोत्सव के अवसर पर हिजड़े नाच दिखाकर घरातियों व बरातियों से इनाम पाते हैं।

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